Navratri 2015

शारदीय नवरात्र के पवित्र पावन शुभ अवसर पर आप सब लोगो को हार्दिक मंगलमय शुभ कामनाऐं। 
मातृशक्ति दुर्गा माता आपको सुख शान्ति समृद्धि आरोग्य वैभव प्रदान करे। 


सनातन धर्म रक्षा हेतु ब्रह्म ऊर्जा शक्ति के आशिर्वाद की प्राप्ति हो।


नवरात्र की मंगल शुभ कामनाए….




जगत पालन हार है मां , मुक्ति का धाम है मां । हमारी भक्ति का आधार है मां , हम सबकी रक्षा की अवतार है मां ।

Nav deep jalen, Nav phool khilen, Roz maa ka ashirvaad mile, Is navratri
aapko wo sab mile jo aapka dil chaahta hai! Shubhkamnaayen!

Saara Jahan Hain Jiski Sharan Me. Naman Hain us Maa Ke Charan Me, Aao Mil Kar Chadaaye Shrradha Ke phool. JAI MATA DI.. Happy Navratri






Important Dates for Navratri 2015

Navratri Day 1 – October 13, 2015 – Ghatsthapana – Navratri Begins

Navratri Day 2 – October 14, 2015 – Chandra Darshan (Tithi is repeated)

Navratri Day 2 – October 15, 2015 – Sindoor Tritiya

Navratri Day 3 – October 16, 2015  – Varad Vinayak Chaturthi

Navratri Day 4 – October 17, 2015 – Upang Lalita Vrat – Lalitha Panchami

Navratri Day 5 – October 18, 2015 – Saraswati Awahan

Navratri Day 6 – October 19, 2015 – Saraswathi Puja (western parts of India)

Navratri Day 7 – October 20, 2015 – Saraswathi Balidan – Maha Lakshmi Puja (western parts of
India)

Navratri Day 8 – October 21, 2015 – Mahashtami – Annapoorna Parikrama – Saraswati Visarjan

Navratri Day 9 and 10 – October 22, 2015 – Mahanavami  and 

Dasami. The tenth day is celebrated as Dasara or Vijaya Dashami.





Items to be required for the Navratri Pooja:

 Picture or Idol of Goddess Durga in the Pooja room
 A dupatta or sari to offer to the deity
 Durga Saptshati book
 Ganga water or plain water in Kalash (pitcher)
 Fresh and washed mango leaves
 Fresh grass
 Sandalwood
 One coconut
 Roli, red sacred powder for tilak
 Moli, red sacred thread
Rice
 Supari (Areca nuts)
 Paan (Betel leaves)
 Cloves
Cardamom
 Kumkum (vermilion)
Gulal
You will need incense sticks, a ‘deep’ and a matchstick. You will also require some fresh flowers 
like rose, jasmine or red hibiscus. You may offer fresh fruits and sweets such as ‘laddoo’, or 
‘peda’ for prasad. Take a mat, to sit. If possible, every member of the house should sit together.


नवरात्रि उपासना प्रतिदिन प्रातः, मध्यान्ह एवं सायंकाल में तीन पाठ प्रतिदिन करने का विधान है।
नमो देव्यै महादेव्यै शिवायै सततं नमः।
नमः प्रकृत्यै भद्रायै नियताः प्रणता स्मरताम। ॥1॥
रौद्रायै नमो नित्ययै गौर्य धात्र्यै नमो नमः।
ज्योत्यस्त्रायै चेन्दुरुपिण्यै सुखायै सततं नमः ॥2॥
कल्याण्यै प्रणतां वृद्धयै सिद्धयै कुर्मो नमो नमः।
नैर्ऋत्यै भूभृतां लक्ष्म्यै शर्वाण्यै ते नमो नमः ॥3॥
दुर्गायै दुर्गपारायै सारायै सर्वकारिण्यै।
ख्यात्यै तथैव कृष्णायै धूम्रायै सततं नमः ॥4॥
अतिसौम्यातिरौद्रायै नतास्तस्यै नमो नमः।
नमो जगत्प्रतिष्ठायै देव्यै नमो नमः ॥5॥
या देवी सर्वभूतेषु विष्णुमायेति शब्दिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः ॥6॥
या देवी सर्वभूतेषु चेतनेत्यभिधीयते।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः ॥7॥
या देवी सर्वभूतेषु बुद्धिरुपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः ॥8॥
या देवी सर्वभूतेषु निद्रारूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः ॥9॥
या देवी सर्वभूतेषु क्षुधारूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः ॥10॥
या देवी सर्वभूतेषुच्छायारूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः ॥11॥
या देवी सर्वभूतेषु शक्तिरूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः ॥12॥
या देवी सर्वभूतेषु तृष्णारूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः ॥13॥
या देवी सर्वभूतेषु क्षान्तिरूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः ॥14॥
या देवी सर्वभूतेषु जातिरूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः ॥15॥
या देवी सर्वभूतेषु लज्जारुपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः ॥16॥
या देवी सर्वभूतेषु शान्तिरूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः ॥17॥
या देवी सर्वभूतेषु श्रद्धारूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः ॥18॥
या देवी सर्वभूतेषु कान्तिरूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः ॥19॥
या देवी सर्वभूतेषु लक्ष्मीरूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः ॥20॥
या देवी सर्वभूतेषु वृत्तिरूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः ॥21॥
या देवी सर्वभूतेषु स्मृतिरूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः ॥22॥
या देवी सर्वभूतेषु दयारूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः ॥23॥
या देवी सर्वभूतेषु तुष्टिरूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः ॥24॥
या देवी सर्वभूतेषु मातृरूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः ॥25॥
या देवी सर्वभूतेषु भ्रान्तिरूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः ॥26॥
इन्द्रियाणामधिष्ठात्री भूतानां चाखिलेषु या।
भूतेषु सततं तस्यै व्याप्तिदैव्यै नमो नमः ॥27॥
चित्तिरूपेण या कृत्स्त्रमेतद्व्याप्त स्थिता जगत्‌।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः ॥28॥
स्तुता सुरैः पूर्वमभीष्टसंश्रया -त्तथा सुरेन्द्रेणु दिनेषु सेविता॥
करोतु सा नः शुभहेतुरीश्र्वरी शुभानि भद्राण्यभिहन्तु चापदः ॥29॥
या साम्प्रतं चोद्धतदैत्यतापितै -रस्माभिरीशा च सुरैर्नमस्यते।
या च स्मृता तत्क्षणमेव हन्ति नः सर्वापदो भक्तिविनम्रमूर्तिभिः ॥30॥
॥ इति तन्त्रोक्तं देवीसूक्तम्‌ सम्पूर्णम्‌ ॥

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